There Is A Place

a man looking at the evening sky
“There is a place in my heart,
where love is sleeping in peace…”

There is a place on the internet,
where beautiful music plays and incorrupt souls sing,
far from the glitz, glamour, noise and fancy things,
Artful creations ripped from the heart, drenched in nostalgic emotions,
Paintings with colors of life and brushes of reflections,
It doesn’t matter if every ear gets them,
Perhaps their beauty lies in whispering the silent rhythms,



There is a place in my city,
where only wanderers and dreamers dwell,
Looking up to the sunset, every day becomes farewell,
There is no haste, there is no chase,
Nobody owns it, and it’s everybody’s place,
Beauty doesn’t have to be praised always,
Sometimes it is just about a moment of cathartic taste,

There is a place in my heart,
where love is sleeping in peace,
Far from disguises, lies, and make-believe,
It is where nobody comes, nobody interferes,
Somewhere I am true, holding something I care,
Life is not about breathing, growing and dying,
Perhaps it is just about feeling…

-N2S

मेरी आवारगी (My Vagrancy)

lonely man looking at the dark sky
“सब होंगे अपने चाहने वालों की बाहों में, और एक मैं लाखों तारों के नीचे, अकेली रात से बातें करता हूँ…”

रात के दूसरे पहर, मैं दबे पैर घर से निकलता हूँ,
दुनिया नींद की आगोश में लिपटी है,
मैं अपने आवारगी से मजबूर, रात की राजकुमारी से मिलने चल पड़ता हूँ,
मोटर साइकल को आहिस्ते से निकालता हूँ,
के कहीं शोर से किसी की नींद ना टूटे,
मेरी आवारा फ़ितरत से किसे के सपनो का सिनेमा ना टूटे,

सुनसान सड़कों पर जब मैं हवा से बातें करता हूँ,
जहन में सुलगते सारे सवालों से परे होता जाता हूँ,
बस एक अजीब सा एहसास बाहें फलाए सीने को जकड़ लेता है,
और जब ठंडी हवा के झोंके मुझे हवा में उड़ाने लगते हैं,
बस मन करता हैं आँखें बंद करके बस उड़ता रहूं,



काजल से काली रात में सड़कों पर पीले रोशनी बिखरी पड़ी है,
पर कहीं-कहीं सिहाय काली झाड़ियों में कोई आकृति हिलने लगती है,
काले जॅकेट की गर्मी मेरे शरीर को ठंड से दूर रखती है,
पर चेहरे पर ओस हल्के-हल्के जमने लगी है,

सड़क पर ऑटो रिक्शा मुसाफिरों को ले जा रही है,
कुछ लौट रहे हैं घर को और कुछ सफ़र तय करने को निकले हैं,
सब सलामत रहे, बस आसमान को देख यही एक दुआ माँग लेता हूँ,
कुत्ते भी अब भौंकते नही, शायद मुझे पहचानने लगे हैं,
और जो डर था मुझे काले चेहरों से,
अब वो भी उतरने लगा है,

कहीं किसी जगह रुककर तारों को देखने लगता हूँ,
सिगरेट के दो कशों की ताशीर से खुद को सेक लेता हूँ,
दोस्त, यार और वे हसीन जिनसे कभी दिल लगाया था,
सब होंगे अपने चाहने वालों की बाहों में,
और एक मैं लाखों तारों के नीचे, अकेली रात से बातें करता हूँ,



पूछता हूँ मैं रात से के मेरी आवारगी कब ख़त्म होगी,
कब मुझसे मेरी यह जंग, ये बेचैनी ख़त्म होगी,
रात कंधे पर सर रखकर बोली,
तुम हो साथी मेरे पर मैं थोड़ा सा डरती हूँ,
मैं तो हूँ हमेशा से अकेली पर तुम हमेशा साथ ना रहोगे,
आज जवान हो तुम, ताज़े फूल से खिले हो,
बेइन्तेहाँ खूबसूरत है ये बेसब्री तुम्हारी,
पर कल जब आएगा, तुम ऐसे ना रहोगे,

मैने हंसकर कहा, मेरी इस जवानी से शायद देवता भी जलते हैं,
वे नहीं जानते की हर काली रात के बाद सुबह कितनी खूबसूरत है,
मौत को टुकूर-टुकूर कर देखती ज़िंदगी कितनी हसीन है,
मेरे इस क्षण भर की ज़िंदगी में ही मेरी अमरता है,
इन चंद सासों के अंतराल में ही मेरी कहानी का सारांश है,
तुम भी हमेशा अकेला कहाँ रहती हो,
मिल ही जाते है तुमको मेरे जैसे दिल-फेंक आशिक़,
कल ना जाने किसका हाथ थामो तुम मगर,
आज मेरी इस आवारगी की हमसफ़र सिर्फ़ तुम हो…
-N2S
21072013