Lovely Girl To Love

back of a standing woman

I don’t know about tomorrow,
Actually, nobody does,
There are millions of possibilities,
Lots of ifs and buts,
We will age,
Would turn into some uglier versions of us,
You would still look pretty, but I would certainly rust,

Sometimes I hate my stars,
That they brought you so late to me,
If it was always you,
Why I wasted my days and nights wandering lonely?
I missed kissing you every time there was a full moon in the sky,
and every time when I was riding my bike or I was high,


I missed you every time when I had to watch a romantic movie all by myself,
And every Valentines Day, I can only sigh at couples,
On my birthday each year, I wanted one gift less,
But I wished to see you,
You never came, neither your call or any letter,
So mean of you,

It’s easier to forget and move on,
This is what everybody does,
To believe in a childhood promise,
That’s only fools’ turf,
Do you really think was it my words,
Or you were always my destiny?
That you met so many good guys,
Yet you came back to me,

I know you never know the answer,
Actually, it doesn’t really matter,
The only thing matter is that you are here with me,
Let the past bygone, future you can shut up for the time being,
I am with the prettiest girl out there, made exclusively for me,
and I have to make up for all the lonely moments I suffered in between,
So excuse me, friends and folks, I won’t be calling anyone for a while,
I have a lovely girl to love and she is waiting for me with a smile…

-N2S
21062016

And I Fall In Love Again

a couple sitting on rooftop looking at sunset

Sometimes I touch her face,
Sometimes I slide her hair out of place,
When we sit together,
I play with her toes and tickle her feet,
whenever we argue,
I am the first to admit my defeat,

When she cooks,
My God! she looks damn pretty,
even though the food is always a little high on salt,
I finish my plate all empty,
She is always out of words,
making conversations are not her specialty,
To keep her away from hanging the call,
I talk rubbish and make a fool out of me,

She doesn’t like surprises,
she feels everyone knows her in the city,
So I make sure to bring a red rose
and stand on the stairs of the metro station brazenly,
She gets embarrassed, she gets angry,
And the next one hour she would give me scolding tightly,



My heart sinks a little,
every time I see her go away,
Even if she talks to her friends,
I get insecure, I honestly say,
It’s true, love is not perfect, actually, it never is,
But when someone is this beautiful, I can bear it,

Sometimes I wonder if I am really in love,
Then I look at her and wonder,
“Do I really deserve a girl like her?”,
Then she looks at me and smiles,
“You know you are crazy, you are insane”
And I fall in love again…
-N2S
02052016

There Is A Place

a man looking at the evening sky
“There is a place in my heart,
where love is sleeping in peace…”

There is a place on the internet,
where beautiful music plays and incorrupt souls sing,
far from the glitz, glamour, noise and fancy things,
Artful creations ripped from the heart, drenched in nostalgic emotions,
Paintings with colors of life and brushes of reflections,
It doesn’t matter if every ear gets them,
Perhaps their beauty lies in whispering the silent rhythms,



There is a place in my city,
where only wanderers and dreamers dwell,
Looking up to the sunset, every day becomes farewell,
There is no haste, there is no chase,
Nobody owns it, and it’s everybody’s place,
Beauty doesn’t have to be praised always,
Sometimes it is just about a moment of cathartic taste,

There is a place in my heart,
where love is sleeping in peace,
Far from disguises, lies, and make-believe,
It is where nobody comes, nobody interferes,
Somewhere I am true, holding something I care,
Life is not about breathing, growing and dying,
Perhaps it is just about feeling…

-N2S

मेरी आवारगी (My Vagrancy)

lonely man looking at the dark sky
“सब होंगे अपने चाहने वालों की बाहों में, और एक मैं लाखों तारों के नीचे, अकेली रात से बातें करता हूँ…”

रात के दूसरे पहर, मैं दबे पैर घर से निकलता हूँ,
दुनिया नींद की आगोश में लिपटी है,
मैं अपने आवारगी से मजबूर, रात की राजकुमारी से मिलने चल पड़ता हूँ,
मोटर साइकल को आहिस्ते से निकालता हूँ,
के कहीं शोर से किसी की नींद ना टूटे,
मेरी आवारा फ़ितरत से किसे के सपनो का सिनेमा ना टूटे,

सुनसान सड़कों पर जब मैं हवा से बातें करता हूँ,
जहन में सुलगते सारे सवालों से परे होता जाता हूँ,
बस एक अजीब सा एहसास बाहें फलाए सीने को जकड़ लेता है,
और जब ठंडी हवा के झोंके मुझे हवा में उड़ाने लगते हैं,
बस मन करता हैं आँखें बंद करके बस उड़ता रहूं,



काजल से काली रात में सड़कों पर पीले रोशनी बिखरी पड़ी है,
पर कहीं-कहीं सिहाय काली झाड़ियों में कोई आकृति हिलने लगती है,
काले जॅकेट की गर्मी मेरे शरीर को ठंड से दूर रखती है,
पर चेहरे पर ओस हल्के-हल्के जमने लगी है,

सड़क पर ऑटो रिक्शा मुसाफिरों को ले जा रही है,
कुछ लौट रहे हैं घर को और कुछ सफ़र तय करने को निकले हैं,
सब सलामत रहे, बस आसमान को देख यही एक दुआ माँग लेता हूँ,
कुत्ते भी अब भौंकते नही, शायद मुझे पहचानने लगे हैं,
और जो डर था मुझे काले चेहरों से,
अब वो भी उतरने लगा है,

कहीं किसी जगह रुककर तारों को देखने लगता हूँ,
सिगरेट के दो कशों की ताशीर से खुद को सेक लेता हूँ,
दोस्त, यार और वे हसीन जिनसे कभी दिल लगाया था,
सब होंगे अपने चाहने वालों की बाहों में,
और एक मैं लाखों तारों के नीचे, अकेली रात से बातें करता हूँ,



पूछता हूँ मैं रात से के मेरी आवारगी कब ख़त्म होगी,
कब मुझसे मेरी यह जंग, ये बेचैनी ख़त्म होगी,
रात कंधे पर सर रखकर बोली,
तुम हो साथी मेरे पर मैं थोड़ा सा डरती हूँ,
मैं तो हूँ हमेशा से अकेली पर तुम हमेशा साथ ना रहोगे,
आज जवान हो तुम, ताज़े फूल से खिले हो,
बेइन्तेहाँ खूबसूरत है ये बेसब्री तुम्हारी,
पर कल जब आएगा, तुम ऐसे ना रहोगे,

मैने हंसकर कहा, मेरी इस जवानी से शायद देवता भी जलते हैं,
वे नहीं जानते की हर काली रात के बाद सुबह कितनी खूबसूरत है,
मौत को टुकूर-टुकूर कर देखती ज़िंदगी कितनी हसीन है,
मेरे इस क्षण भर की ज़िंदगी में ही मेरी अमरता है,
इन चंद सासों के अंतराल में ही मेरी कहानी का सारांश है,
तुम भी हमेशा अकेला कहाँ रहती हो,
मिल ही जाते है तुमको मेरे जैसे दिल-फेंक आशिक़,
कल ना जाने किसका हाथ थामो तुम मगर,
आज मेरी इस आवारगी की हमसफ़र सिर्फ़ तुम हो…
-N2S
21072013

खाली पन्नो (Khaali Pannon)

empty notebook with a pen
“ज़िंदगी का सफ़र बन गया है ऐसा की, चलता हूँ रोज़ मगर पर पहुँचता कहीं नहीं”

खाली खाली पन्नो पर लिखने को कुछ नहीं,
कलम पे लगी तो है सीहाई,
पर ना शब्द है ना अल्फ़ाज़ हैं,
ज़िक्र करूँ किसका, करूँ किसकी बातें,
ना जाने बीता कितना अरसा,
पर इस रास्ते आया कोई नहीं,

रोशनी में खुद की परछाई से ही दिल बहलाता हूँ,
पर इन सर्द रातों का हमसफ़र कोई नहीं,
तारों को गिनते-गिनते सोचता हूँ,
शायद कोई हो मेरे जैसा किसी जहाँ में कहीं,
होता अगर वो साथ मेरे, करता मैं बातें हज़ार,

दिन भर सीढ़ियों में बैठे रहते की जाना ना होता कहीं,
पर हम तो खुद से बातें करते रह गये,
ना आई उसकी कोई खबर,
ना ही आई होठों पर वो हँसी,
किसी से रंजिश नही, ना किसी से शिकायत है,
क्या मांगू उस खुदा से, हसरत भी तो कोई नहीं,



ये जंग तो बन गयी है खुद की,
के हारा तो मैं पर जीता भी कोई नहीं,
बारिश भी आकर भीगा के चली गयी,
ठीक ही हुआ की आँसू और पानी में फ़र्क मिट गया,

ज़िंदगी का सफ़र बन गया है ऐसा की,
चलता हूँ रोज़ मगर पर पहुँचता कहीं नहीं,
बस एक परेशान सा दिल लिए फिरता हूँ,
के पूछ ले हाल ही अपना कोई,
ये दिन भी बीत गया, चलो शाम भी हो गयी,
पर आज भी कोई आया नहीं,

आँखे तो जम गयी थी उस मोड़ पर,
शायद दिल भी ठहर गया अब,
बस इतनी सी इंतेज़ा है दोस्तों से मेरी,
के अगर आए कभी वो भूले इस रास्ते,
तो कह देना की ले जाओ उसकी ये आँखरी निशानी,
एक कलम और कुछ खाली पन्ने है,
कहता था के अगर वो आए होते,
तो ना ये पन्ने रहते खाली ना होती ये ज़िंदगी अधूरी,
पर वो तो कभी यहाँ आया नहीं…

-N2S
31072012

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