जाने क्या क्या गुज़रती है दिल पे,
जब तुम आ जाती हो नज़रों के सामने,
कह भी नहीं पाते,
और बयान करने को अलफ़ाज़ नहीं मिलते,
तुम पे कोई हक़ भी नहीं,
ना ही तुम से कोई रिश्ता है,
पर जब तुम दूर जाती हो,
गुमसुम सा दिल लिए फिरते हैं,
अब ये आलम है की,
खुद का हाल पूछता हूँ,
तेरे आने से पहले और
तेरे जाने के बाद…
-N2S
26092015